परमहंस योगानंद की आत्मकथा “Autobiography of a Yogi” बनी अमेरिका में ट्रेंड
पिछले एक महीने में अमेरिका में सबसे ज्यादा खोजी जाने वाली आत्मकथाओं में परमहंस योगानंद की Autobiography of a Yogi (हिंदी में: योगी कथामृत) एक बार फिर लोगों की पसंद बन गई है। यह आध्यात्मिक पुस्तक न केवल योग और ध्यान की गहराई को उजागर करती है, बल्कि पश्चिमी दुनिया में भारतीय दर्शन को लोकप्रिय बनाने में भी बेहद प्रभावशाली रही है।
क्यों है यह किताब इतनी खास?
परमहंस योगानंद की यह आत्मकथा केवल एक जीवन यात्रा नहीं है, बल्कि यह पाठकों को आत्म-ज्ञान, ध्यान, गुरुओं की शक्ति और आध्यात्मिक अनुभवों से परिचित कराती है। इस पुस्तक को पहली बार 1946 में प्रकाशित किया गया था और तब से लेकर आज तक यह दुनिया भर में करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।
सेलिब्रिटी भी हैं इसके फैन
इस किताब की लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि स्टीव जॉब्स जैसे दिग्गज टेक उद्यमी ने इसे अपनी मृत्यु से पहले सभी मित्रों को पढ़ने की सलाह दी थी। आज भी यह पुस्तक अमेज़न और गूगल बुक्स पर टॉप रैंकिंग में बनी हुई है।
डिजिटल युग में आध्यात्मिकता की खोज
2025 में भी जब टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया हावी हैं, तब “Autobiography of a Yogi” जैसी किताबें यह संकेत देती हैं कि आत्मिक शांति और गहराई की खोज आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।