वक्फ बिल के विरोध में हिंसा, पिता-पुत्र की हत्या से दहला इलाका — दंगाइयों पर सख्त कार्रवाई की मांग

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Violence in protest against Wakf Bill, area shaken by murder of father and son - demand for strict action against rioters
Violence in protest against Wakf Bill, area shaken by murder of father and son - demand for strict action against rioters

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा ने भयावह रूप ले लिया। इसी बीच एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसमें प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने एक पिता और पुत्र को चाकुओं से हमला कर मार डाला। यह घटना पूरे इलाके में सनसनी फैलाने वाली बन गई है।

हिंसक भीड़ ने ली दो निर्दोषों की जान

जानकारी के अनुसार, पीड़ित पिता-पुत्र किसी भी विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं थे। इसके बावजूद, उन्हें रास्ते में रोककर चाकू से गोद दिया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना अचानक हुई और देखते ही देखते मामला बेकाबू हो गया।

सरकार पर उठे सवाल

राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं और अब इस घटना ने ममता बनर्जी सरकार की भूमिका को लेकर नई बहस छेड़ दी है। सवाल यह है कि क्या सरकार ऐसे हिंसक तत्वों पर नियंत्रण करने में सक्षम है?

विरोध और हिंसा — एक ही चीज़ नहीं

विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि विरोध करना लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन दंगे, आगजनी, हत्या और लूटपाट किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं हो सकते। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि हिंसा फैलाने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।

मांग उठी — सख्त कानून और कार्रवाई

राज्यभर में कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ रही है। आम लोगों का कहना है कि जो लोग हिंसा फैला रहे हैं, उन्हें राजनीतिक संरक्षण नहीं मिलना चाहिए और उनके खिलाफ जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि ऐसे घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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