Wheelchair पर बैठा मुस्लिम बच्चा बना भगवान कृष्ण, यही है भारत की असली तस्वीर परेड में बुर्का पहने मां-बेटे को देख भर आईं लोगों की आंखें

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Wheelchair पर बैठा मुस्लिम बच्चा बना भगवान कृष्ण, यही है भारत की असली तस्वीर परेड में बुर्का पहने मां-बेटे को देख भर आईं लोगों की आंखें

कोझिकोड। आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmashtami) का पर्व है। इस दिन माएं अपने बच्चों को बाल कृष्ण और राधा के रूप में तैयार करती हैं। कृष्ण मंदिरों में भक्तों की भीड़ जुटती है और लोग पूजा करते हैं। केरल के कोझिकोड में जन्माष्टमी के अवसर पर जुलूस निकाला जाता है। हर साल की भांति इस साल भी जुलूस निकाला गया। इस दौरान एक मां-बेटे को देख लोगों की आंखें भर आईं।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पूरे केरल में भगवान कृष्ण और राधा के रूप में सजे बच्चों ने शोभा यात्राओं की रौनक में चार चाँद लगा दिया| राज्य के विभिन्न शहरों, कस्बों और गांवों में बालगोकुलम द्वारा ‘महा शोभा यात्रा’ के हिस्से के रूप में रंगारंग जुलूस आयोजित किए गए|

केरल में निकली शोभा यात्राएं 

भगवान कृष्ण और गोपिकाओं और भक्तों के रूप में सजे बच्चे अपने माता-पिता के साथ शोभा यात्राओं में शामिल हुए| जो पारंपरिक ढोल और भगवान के जीवन के विभिन्न चरणों को दर्शाती रंगीन झांकियों के साथ राज्य भर में आयोजित की गईं|

लेकिन, कोझिकोड की शोभा यात्रा में एक अद्भुत और मनमोह लेने वाला दृश्य देखने को मिला, जिसमें एक छोटे से कृष्ण बने बच्चे ने लोगों का दिल जीत लिया| वह लड़का व्हीलचेयर पर बैठा था और बुर्का पहने एक महिला उसे धक्का दे रही थी|

Wheelchair पर बैठा मुस्लिम बच्चा बना भगवान कृष्ण, यही है भारत की असली तस्वीर परेड में बुर्का पहने मां-बेटे को देख भर आईं लोगों की आंखें

कृष्ण की पोशाक पहने नजर आया मुस्लिम बच्चा

कोझिकोड के रहने वाले 8 वर्षीय मुहम्मद याहिया के रूप में पहचाने जाने वाले लड़का तेज बारिश में भीगने के बावजूद जुलूस में हिस्सा लिया|  

लोकल मीडिया के मुताबिक, बिलाथिकुलम के BEM अपर प्राइमरी स्कूल में तीसरी कक्षा का छात्र याहयान, कृष्ण के रूप में तैयार होकर यात्रा में भाग लेना चाहता था| उसने अपनी यह इच्छा जाहिर की, तो उनका परिवार राजी हो गया| पूरे जुलूस के दौरान याहिया के साथ उसकी मां रूबिया भी साथ थी| जिसने अपने बच्चे को कृष्ण के रूप में तैयार होने में भी मदद की|

रुबिया ने बताया, “यह पहली बार है जब हम किसी शोभा यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं| पिछले साल मेरे बेटे ने यात्रा में हिस्सा लेने की इच्छा जताई थी, इसलिए इस साल हमने उसकी इच्छा पूरी करने का फैसला किया|

याहयान को मिली तवज्जो से अभिभूत होकर रुबिया ने कहा कि यह किसी पब्लिसिटी के लिए नहीं किया गया है| उन्होंने कहा, “हमने हमेशा उसे खुश रखने की कोशिश की है और हम नहीं चाहते कि वह अकेला महसूस करे, क्योंकि वह चल नहीं सकता|”  

याहयान, बचपन से पैरालाइज है| उसकी मांसपेशियां कमजोर हैं| जिसकी वजह से वह व्हीलचेयर का सहारा लेता है| उनके परिवार के मुताबिक, याहिया का फिजियोथेरेपी समेत इलाज चल रहा है और डॉक्टरों को भरोसा है कि वह एक दिन चलने में सक्षम हो जाएगा|

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